ये बेटियां बन गई है ‘मिसाल’, हर कोई कर रहा है इनकी चर्चा
NEWSAGENDA24, JHAJJAR DESK
जगदीप राज्याण। बहादुरगढ़ की संत कबीर दास कॉलोनी में एक महिला की मौत के बाद उसकी चार बेटियों ने ना सिर्फ माँ की अर्थी को अंधा दिया। बल्कि उनकी चिता को मुखाग्नि भी देकर मिसाल कायम की है। दरअसल चारों बहनों का कोई भाई नहीं है और पिता भी उन्हें छोड़कर कहीं दूसरी जगह रहने लगे हैं। बेटियों की मां उन्हें छोड़कर इस दुनिया से चली गई है। तो ऐसे में बेटियों का सब कुछ छीन गया है। लेकिन मां के अंतिम यात्रा हिंदू धर्म के रीति रवाज के अनुसार बेटियों ने निकालने का प्रण लिया और खुद ही मां के लिए अर्थी बनाई और अपनी मां की अर्थी को कंधा दिया और अंतिम शव यात्रा निकाल कर शमशान भूमि तक लेकर गई इसके बाद बेटियों ने ही अपनी मां की चिता को मुखाग्नि भी दी। बाद में बेटियों द्वारा खुद मां के अंतिम संस्कार करने की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई हैं।
मामला बहादुरगढ़ के वार्ड 31 में स्थित संत कबीर दास कॉलोनी का है। जहां 51 वर्षीय महिला पदमा को कुछ दिन पहले टाइफाइड हुआ था। बाद में उनके लंग्स में इन्फेक्शन होने की वजह से उनका देहांत 3 फरवरी के दिन हो गया। पदमा सोनीपत की रहने वाली थी और उनका विवाह बहादुरगढ़ के सतबीर नाम के शख्स के साथ हुआ था। सतबीर अक्सर अपनी पत्नी और बेटियों के साथ मारपीट करता था और करीब दो साल पहले वह घर छोड़कर कहीं चला गया था। पदमा की सुशील, शालू, सुमन और प्रिया नाम की चार बेटियां हैं। पद्मा ने अपनी चारों बेटियों को सिलाई का काम करके पढ़ाया लिखाया था। बड़ी बेटी सुशील बीएससी नर्सिंग कर चुकी है और फिलहाल नौकरी की तलाश में है।
3 फरवरी के दिन जब पदमा का स्वर्गवास हुआ तो चारों बेटियों ने हिम्मत दिखाते हुए पूरी रीति रिवाज के तहत अपनी माँ का अंतिम संस्कार किया। हर कोई इन बेटियों की हिम्मत की तारीफ कर रहा है। लेकिन पिता का साथ और माँ के दुनिया छोड़ जाने से ये बेटियां अपना सब कुछ खो चुकी हैं। जो माँ खुद काम करके अपनी बेटियों को शिक्षित कर रही थी, उनके चले जाने से बेटियों की पढ़ाई अब बीच मझदार में छूट गयी है। पीड़ित बेटियों के लिए पड़ोसी और रिश्तेदारों ने सरकार से आर्थिक सहायता देने की मांग की है।
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