संबंधों में समस्या को दूर करने गर्भनिरोधक गोली से छुटकारा जरूरी
NewsAgenda24, Health Desk
एक नया शोध कहता है की गर्भनिरोधक दवा लेने से महिलाओं की भावनाओं को समझने की क्षमता बाधित होती है।
“फ्रंटियर्स इन न्यूरोसाइंस” नामक पत्रिका में छपे एक शोध के मुताबिक खाई गयी गर्भनिरोधक दवा सामाजिक अनुमान को धुंधला कर सकती है|
इस शोध के लिए, जर्मनी के ग्रीफ्सवाक विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के एक दल ने 18 से 45 साल के बीच 95 स्वस्थ महिलाओं की जाँच की। उनमें से 42 महिलाएँ दवा लेती थीं और 53 नहीं। उन्हें लोगों की आँखों के आसपास के 37 श्याम श्वेत चित्र दिखाए गए। सबमें चार लेबल लगे थे जिनमें चेहरे के अलग-अलग जटिल भावों को दर्शाया गया था जैसे ‘गर्व’ या ‘तिरस्कार’। फिर उन महिलाओं से कहा गया कि जल्द से जल्द चुने कि कौन से भाव चित्र का सबसे सही वर्णन करते हैं।
नतीजों में पाया गया कि उनमें से जो गर्भ निरोधक दवा लेते थे वे यह तो बता पा रहे थे की कोई खुश है या डरा हुआ। पर गर्व और तिरस्कार जैसे भावों को पहचानने में वे 10 प्रतिशत तक कम सफल हुए।
शोध में पाया गया कि ‘गर्भनिरोधक दवा खाने वाली महिलाएँ चेहरे के नकारात्मक भाव को पहचानने में खासतौर पर बाधित हुईं।’
शोध के वरिष्ठ शोधकर्ता डॉ. एलेग्जेंडर लिष्क ने समझा कि इसी कारण यह दवाएँ संबंधों को हानि पहुँचाती हैं।
उन्होंने कहा कि “दुनिया भर में 10 करोड़ से ज्यादा महिलाएं गर्भनिरोधक दवाइयाँ खाती हैं परंतु भावनाओं और व्यवहार पर उनके प्रभाव के बारे में बहुत ही कम जानकारी है।”
“परिणामों के अनुसार गर्भनिरोधक दवाओं के खाने से दूसरों के भावों को पहचानने की क्षमता बाधित होती है जिससे लोगों के नजदीकी संबंधों पर असर पड़ता है।”
वैसे तो शोध के नतीजे साफ हैं परंतु यह जानने के लिए की दवा का महिलाओं की भावों को पहचानने की क्षमता में बाधा क्या दवा के प्रकार, कितने समय से वह दवा ली जा रही है और दिन के किस समय वह दवा ली जाती है, इन पर भी निर्भर करता है, यह जानने के लिए अभी और शोध आवश्यक है।
“पर अगर यह सच है तो हमें महिलाओं को गर्भ निरोधक दवा खाने के परिणामों के बारे में विस्तार से बताना जरूरी है।