Tulsi Puja : होना है मालामाल, तो बृहस्पतिवार को तुलसी का करें ये उपाय
NEWSAGENDA24, ASTRO DESK
तुलसी का पेड़ हर घर के आंगन की शोभा होता है। कहते हैं कि तुलसी का पेड़ घर में होने से हमेशा मां लक्ष्मी का वास होता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार वृंदा के रूप में तुलसी भगवान विष्णु की परम भक्त थीं। धर्म ग्रंथों के अलावा वास्तु विज्ञान में भी भी तुलसी का खूब महत्व बताया गया है। हिंदू मान्यताओं में प्राचीन काल से ही तुलसी के पौधे को विष्णु प्रिया के रूप में पूजा जाता रहा है। इसमें औषधीय गुण होने की वजह से इसे चमत्कारिक पौधा भी माना जाता है। आइए जानें तुलसी के कुछ उपायों के बारे में, जिन्हें गुरुवार के दिन आजमाकर आप लाभ पा सकते हैं।
बृहस्पतिवार को जरुर करें यह उपाय
बृहस्पतिवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है इसलिए इस दिन श्रीहरि को प्रसन्न करने के लिए तुलसी की पूजा की जाती है। गुरुवार को स्नान के बाद तुलसी की जड़ को कच्चे दूध से सींचना चाहिए। इसके अलावा शाम के वक्त तुलसी के पेड़ में घी का दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से तुलसी माता प्रसन्न होती है। तुलसी को मां लक्ष्मी का ही रूप माना जाता है। इसलिए तुलसी को प्रसन्न करने से आपके घर में सदैव मां लक्ष्मी का वास होता है आपको धन की प्राप्ति होती है।
इस दिशा में रखना चाहिए तुलसी का पौधातुलसी के पौधे को हमेशा उत्तर दिशा या पूर्व दिशा या फिर उत्तर-पूर्व दिशा में रखना चाहिए। इन दिशाओं में रखने पर तुलसी हमेशा हरी-भरी रहती हैं। इस पौधे को दिन में लगभग छह से आठ घंटे धूप की आवश्यकता होती है। इसलिए इसे ऐसे स्थान पर रखें जहां पर पर्याप्त धूप मिल सके।
तुलसी में कब-कब नहीं देना चाहिए पानी
शास्त्रों के अनुसार तुलसी के पौधे में प्रत्येक रविवार को, एकादशी तिथियों पर और इसके अलावा सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के दिन पानी नहीं देना चाहिए। इन सभी दिनों के अलावा सूर्यास्त के बाद तुलसी के पत्ते को नहीं तोड़ना चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं और आपके घर में कंगाली पांव पसारने लगती है।
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सूखे हुए तुलसी के पेड़ का क्या करें
एक बात का ध्यान रखें कि घर में कभी भी सूखा हुआ तुलसी का पौधा न रखें। तुलसी का पौधा मुरझाना बिल्कुल भी अच्छा नहीं माना जाता है। यह आपके घर में आर्थिक तंगी को दर्शाता है। तुलसी का पौधा सूखने पर उसे गमले में से तुरंत निकालकर उसे किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर दें या फिर कुएं में डाल दें। उसके स्थान पर गमले में तुलसी का नया पौधा लगाएं।